सरायकेला परिसदन में आज विधानसभा प्रकलन समिति की बैठक आयोजित की गई जिसमें जिले में मौजूद सभी विभागों के पदाधिकारी उपायुक्त के साथ बैठक में भाग लेने पहुंचे जहां प्रत्येक विभाग के एस्टीमेट पर चर्चा की गई बैठक दो दिवसीय है।जिसका आज पहला दिन था बैठक में उस समय नया मोड़ आया जब वन भूमि की खरीद बिक्री और लूट की बातें समिति के सदस्यों ने उठाई। जहां सरायकेला डीएफओ पर नाराज होते हुए समिति के सभापति श्री निरल पुर्ति देखे गए। जानकारी देते हुए सभापति जी ने बताया यह बहुत गंभीर विषय है वन भूमि अतिक्रमण हो रही है। इस बात को सरकार ने संज्ञान में लिया है। अतिक्रमण करने वाले किसी भी राजनीतिक दल के सदस्य नहीं हो सकते और ना ही उन्हें संरक्षण दिया जा सकता है जिस तरह की जानकारियां प्राप्त हुई है उसके अनुसार बड़े पैमाने पर लोग बसते आ रहे हैं एक समय ऐसा आएगा जब सुप्रीम कोर्ट तक जाने पर भी यह मामला नहीं सुलझेगा, उन्होंने बताया कि जब सरायकेला के डीएफओ से मामले को लेकर रिपोर्ट मांगा गया तो उनके पास कोई भी रिपोर्ट मौजूद नहीं था। राज्य सरकार को सरायकेला के वन विभाग द्वारा रिपोर्टिंग ही नहीं दी जा रही है, वही पूरे मुद्दे पर सभापति ने सुझाव दिया है कि वन विभाग या सरकार के पास खाली भूमि है तो लोग को लोगों को वहां लीगली बसाने का एक खाका तैयार होना चाहिए। इस तरह से अवैध निर्माण करना गैरकानूनी है। समिति के सदस्य भाजपा विधायक श्री अमर बावरी ने बताया कि यह पूर्णतः गलत है सरायकेला डीएफओ से स्टेटस मांगा गया है जिसे राज्य में आयोजित होने वाले विभागीय समीक्षा बैठक में रखा जाएगा और अवैध रूप से वन भूमि की खरीद बिक्री करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी पूरा मामला विधानसभा के पटल में भी रखा जाएगा।