- पुलिस एवं पत्रकारों के साथ मारपीट और अभद्रता करने वाले रामकृष्ण फोरर्जिंग के सीपीओ शक्तिप्रसाद सेनापति प्रकरण में एक बड़ा खुलासा सामने आ रहा है, जहां कोर्ट में कांड्रा थाना कांड संख्या 33/2022 मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के बाद बिना रिमांड के हो रही है बेल की सुनवाई।
क्या है पूरा मामला
अब पूरा मामला समझिए अगर कोई भी आरोपी गिरफ्तार होता है तो गिरफ्तारी के बाद आरोप के अनुसार 24घंटे के भीतर संबंधित न्यायालय में उसे पेश किया जाता है, उसके उपरांत थाना के द्वारा आरोपी के रिमांड की मांग कोर्ट से की जाती है। जहां न्यायालय के दस्तावेज पर आरोपी के हस्ताक्षर होना अति आवश्यक होता है जो कि इस मामले में अभी तक नहीं है। जहां चारों ओर गिरफ्तारी की सूचना आम हो चुकी है ,वहां संबंधित न्यायालय में रिमांड ही नहीं हुआ है। पत्रकार मनीष के विद्वान अधिवक्ता की माने तो उनके अनुसार अब तक इस तरह के मामलों में न्यायालय इस तरह के केस पर संज्ञान ही नहीं लेता है, लेकिन इसके बावजूद यह एक अनोखा मामला है जहां निचली अदालत ने इस केस को रिजेक्ट कर दिया। निचली अदालत से जमानत का आवेदन रद्द होने के उपरांत शक्ति प्रसाद सेनापति ने सरायकेला के माननीय जिला जज के न्यायालय में पुनः जमानत के लिए अर्जी दाखिल की है जिस पर आज माननीय न्यायाधीश ने सुनवाई भी की और निचली अदालत का अभिलेख मांगा है तथा इस केस से संबंधित केस डायरी भी मांगा गया है लेकिन यह सोचने वाली बात है कि जब आर्डर शीट पर गिरफ्तार आरोपी का हस्ताक्षर ही नहीं है तो मामला माननीय न्यायालय ने आगे कैसे बढ़ा।
जानकारी हो दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 167 में रिमांड के लिए किसी भी अभियुक्त को मजिस्ट्रेट के सामने प्रोड्यूस करना आवश्यक है परंतु वर्तमान मामले में आरोपी को मैजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत नहीं किया गया; रिमांड के लिए लाया जा रहा था तभी कहा गया कि तबीयत खराब हो गई और आरोपी को एमजीएम अस्पताल भेज दिया गया ऐसी स्थिति में आरोपी का जुडिशल रिमांड नहीं हुआ तो आरोपी के बेल का तो प्रश्न ही नहीं उठता, आरोपी अभी न्यायिक अभिरक्षा में बिल्कुल ही नहीं है तो अब माननीय न्यायालय किस मामले के बेल की सुनवाई करने जा रहे हैं।अब यह पूरा मामला सरायकेला न्यायालय परिसर में चर्चा का विषय बनता जा रहा है जहां पूर्व से लंबित मामलों में कई अधिवक्ता गोलबंद होते देखे जा रहे हैं क्योंकि यह अपने आप में अनोखा मामला बनता जा रहा है तो संभवत: भविष्य में यह एक बड़ा मामला बनकर सामने आएगा।
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अब यह पूरा मामला सरायकेला न्यायालय परिसर में चर्चा का विषय बनता जा रहा है जहां पूर्व से लंबित मामलों में कई अधिवक्ता गोलबंद होते देखे जा रहे हैं क्योंकि यह अपने आप में अनोखा मामला बनता जा रहा है तो संभवत: भविष्य में यह एक बड़ा मामला बनकर सामने आएगा।