“यह पूरी जिम्मेवारी मुझे ड्यूटी के तहत वरीय पदाधिकारी डीआईजी सर कोल्हान,एसपी सर सरायकेला और एसडीपीओ सर सरायकेला ने दी थी यह पूरा मामला मेरी ड्यूटी का एक क्रमबद्ध मामला था; जिसे गोपनीयता के साथ पूरा करना मेरा पहला कर्तव्य था”

बीते कुछ दिनों पहले कांड्रा टोल प्लाजा पर ट्रैफिक पुलिस और पत्रकारों के साथ मारपीट और अभद्रता करने वाले रामकृष्ण फोर्जिंग के सबसे बड़े पदाधिकारी शक्ति सेनापति आज पुलिस की गिरफ्त में है। जानकारी हो कि प्रकरण के अगले दिन से ही मामला काफी ज्यादा गर्म हो चुका था तमाम पत्रकार कांड्रा थाना प्रभारी के थाने को घेरे बैठे थे; कई प्रयासों के बाद भी राजन कुमार की बातों पर भरोसा पत्रकारों को नहीं हो पा रहा था, गिरफ्तारी की मांग चरम पर पहुंच रही थी और लगातार पहले दिन से ही राजन कुमार भरोसा दे रहे थे कि “मेरे थाना क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति कितना भी बड़ा पदाधिकारी हो कानून का उल्लंघन करने वाले को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी” लेकिन लगातार पत्रकारों का क्रोध चरम पर था। पुलिसिया कार्रवाई के लिए पत्रकार लगातार गोलबंद हो रहे थे। इसी बीच अचानक आधी रात को खबर आई कि शक्ति सेनापति को गिरफ्तार कर लिया गया है और सरायकेला के सदर अस्पताल में उसकी मेडिकल जांच चल रही है। आनन-फानन में जब पत्रकारों ने सरायकेला सदर अस्पताल का रुख अख्तियार किया तो पता चला कि पूरे ऑपरेशन की जिम्मेवारी कांड्रा थाना प्रभारी राजन कुमार के पास थी, हालांकि आज शक्ति सेनापति अपने तबीयत का हवाला देते हुए जमशेदपुर जिले के एमजीएम अस्पताल में भर्ती है लेकिन जब तक वह इस जिले के कांड्रा थाना क्षेत्र में मौजूद रहा उसने खुलकर घूमने की हिमाकत नहीं कि, जिसका सीधा श्रेय कांड्रा थाना प्रभारी राजन कुमार को जाता है। पत्रकारों ने आपस में बात करते हुए कहा कि वाकई में राजन कुमार जैसा थाना प्रभारी भरोसे के काबिल है। जिस पर अब आम लोगों के साथ-साथ पत्रकारों को भी खुलकर भरोसा करना चाहिए हालांकि कई ऐसे मौके आए हैं जहां राजन कुमार आम लोगों के बीच देखे गए हैं। एक मौका ऐसा भी था जब कांड्रा के आम लोगों ने इतिहास में पहली बार कांड्रा थाना प्रभारी का जन्मदिन भी मनाया था। लेकिन झारखंड के सबसे बड़े औद्योगिक जिले के एक बड़ी कंपनी के बड़े पदाधिकारी को गिरफ्तार करना कोई छोटी बात नहीं थी; जिसे कांड्रा थाना प्रभारी ने पूरा कर दिखाया है। हालांकि थाना प्रभारी से झारखंड प्रतिदिन ने बात करनी चाही तो उन्होंने श्रेय लेने से साफ मना कर दिया और स्पष्ट भाषा में कहा कि “यह पूरी जिम्मेवारी मुझे ड्यूटी के तहत वरीय पदाधिकारी डीआईजी कोल्हान, एसपी सरायकेला और एसडीपीओ सरायकेला ने दी थी यह पूरा मामला मेरी ड्यूटी का एक क्रमबद्ध मामला था; जिसे गोपनीयता के साथ पूरा करना मेरा पहला कर्तव्य था” बातें कुछ भी हो लेकिन कांड्रा थाना प्रभारी ने वह कर दिखाया है जो सरायकेला जैसे औद्योगिक जिले में पूर्ण कर पाना संभव नहीं है।