चतरा के जंगलों में महुआ चुनने वालों के द्वारा लगाई गई आग की लपटे अब गांवों तक पहुंच चुकी है। दिन प्रतिदिन विकराल रूप धारण करती जा रही जंगल की आग से अब ग्रामीण खुद भी झूलसने लगे हैँ। जिससे उन्हें न सिर्फ आर्थिक नुकसान हो रहा है बल्कि जान जोखिम में भी नजर आ रही है। स्थिति यह है कि महुआ चुनने वालों द्वारा जंगल मे लगाई गई आग कि तपिश गांव से लेकर घर तक पहुँच चुका है। जिले के कुंदा वनक्षेत्र के अंतर्गत जगरनाथपुर गांव के जंगल मे लगी आग ने बेकाबू होकर सोमर भारती के घर को चपेट में ले लिया। जिससे घर के बाहर रखे हजारों फिट डिलीवरी पाइप, कपड़ा, जूता-चपल, पुआल व अनाज समेत मोटरसाइकिल जल कर खाक हो गया। हालांकि आगलगी कि घटना के बाद ग्रामीणों के सहयोग से घंटो मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। समय रहते आग पर काबू पाया गया जिससे बड़ी घटना टल गई। भुक्तभोगी सोमर भारती ने बताया कि घर के समीप महुआ पेड़ के नीचे कुछ ग्रामीणों द्वारा पता जलाने के नियत से आग लगा दिया गया था। लेकिन आग लगाकर उसे छोड़ दिया गया। जिसके वजह से आग कि लपटें धीरे-धीरे घर तक पहुँच गई। और आग की चपेट में घर आया गया। पक्का मकान होने के होने के कारण घर बच गया। भुक्तभोगी ने प्रखंड प्रशासन से आर्थिक मुआवजे की मांग की है।