भारतीय स्टेट बैंक गम्हरिया शाखा की मनमानी अब चरम पर है जहां आए दिन यह खबर सामने आ रही है कि बैंक के सुरक्षा गार्ड बैंक को चला रहे हैं वही बैंक पदाधिकारियों के अड़ियल रवैए का ताजा उदाहरण आज देखने को मिला है। जहां बीते 2 महीनों से एटीएम के लिए चंद्रमणि वैद्य नाम के एक ग्राहक को पोस्ट ऑफिस से लेकर बैंक के कई चक्कर लगाने पड़े। वहीं भारतीय स्टेट बैंक गम्हरिया के शाखा प्रबंधक ने ग्राहक को गार्ड से मिलने की सलाह दे दी तो पता चला की एटीएम वापस हो चुका है। कई हफ्तों बाद जब एटीएम के लिए ग्राहक ने दुबारा डाकघर का रास्ता अख्तियार किया तो पता चला कि एटीएम बैंक पहुंचा दिया गया है।भरी दोपहर में करीब 1:00 बजे बैंक जाने के बाद फिर से गार्ड के द्वारा एटीएम कार्ड चंद्रमणि वैद्य नाम के ग्राहक को दिया गया और पता चला कि अगर एक बार कार्ड सही पते पर डिलीवर ना होकर वापस हो जाता है तो बैंक के द्वारा उसे ब्लॉक कर दिया जाता है।अतः नए एटीएम कार्ड को अनब्लॉक करने के लिए पहले एक अर्जी बैंक के पदाधिकारी को देनी पड़ेगी मौके पर तुरंत ग्राहक के द्वारा एक अर्जी बैंक के पदाधिकारी को भी दी गई जिसका सीसीटीवी फुटेज भारतीय स्टेट बैंक की गम्हरिया शाखा में मौजूद है;लेकिन हद तो तब हो गई जब कई घंटे बीत जाने के बाद भी कार्ड को अनब्लॉक नहीं किया गया मामले की जानकारी ग्राहक को तब हुई जब ग्राहक रात के 9:00 बजे नए कार्ड की पिन जनरेट कर अति आवश्यक कार्य हेतु पैसे निकालने एटीएम को गया और मशीन के द्वारा बताया गया कि कार्ड फिलहाल ब्लॉक है।जानकारी देते हुए चंद्रमणि ने बताया कि उसे तत्काल पैसे की आवश्यकता टीएमएच में इलाजरत उसके एक परिजन के लिए जमा करनी थी लेकिन भारतीय स्टेट बैंक गम्हरिया शाखा की अंग्रेजी हुकूमत के सामने सारे ग्राहक गुलाम की जिंदगी जीने को मजबूर है। शायद सरायकेला जिला प्रशासन भी भारतीय स्टेट बैंक गम्हरिया के आगे घुटने टेकता है। यह कोई नया मामला नहीं है कई बार भारतीय स्टेट बैंक के गम्हरिया शाखा में मामले गर्माएं है, कई बार तो चेक देने के बावजूद कैश की कमी बताकर छोटे-मोटे ग्राहकों को विदा कर दिया जाता है और ग्राहकों की जरूरत- जरूरत ही रह जाती है। हमारे इस समाचार का असर सरायकेला जिला प्रशासन पर कितना होगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन भारतीय स्टेट बैंक अपनी अंग्रेजी हुकूमत बदस्तूर जारी रखेगा इसका विश्वास हमें आगे भी निरंतर रहेगा।