बाड़मेर34 मिनट पहले
कर्मचारी संगठन अपने-अपने नेताओं का स्वागत कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणा में कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने के निर्णय के बाद देशभर में बहाली को लेकर मांग उठने लग गई है। राजस्थान में जहां कर्मचारियों में खुशी का माहौल है तो वहीं, कांग्रेस के नेता, मंत्री, विधायक इस फैसले को आगामी विधानसभा चुनाव में भुनाने में लगे हुए हैं। विभिन्न कर्मचारी संगठन अपने-अपने नेताओं का स्वागत कर रहे हैं।
दरअसल, सीएम ने बजट घोषणा में 1 जनवरी 2004 और उसके बाद नियुक्त सभी कर्मचारियों को नई पेंशन की जगह पुरानी पेंशन मिलेगी। रिटायर्ड होने पर अब कर्मचारियों को पूरी पेंशन मिलेगी। अंशदायी पेंशन योजना खत्म कर दिया गया है। इससे राजस्थान के करीब 8 लाख कर्मचारी में खुशी की लहर है। कांग्रेस के विधायक, मंत्री व पीसीसी चीफ पुरानी पेंशन बहाली के फैसले को भुनाने में लगे हुए हैं। पुरानी पेंशन बहाली के बाद से कर्मचारियों के अलग-अलग संगठन सरकार व विधायक, मंत्रियों को आभार व्यक्त करने के लिए कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। कार्यक्रमों में नेता शामिल होकर गुरुजनों व कर्मचारियों को आगामी विधानसभा चुनाव में ध्यान रखने की बात कह रहे हैं।
पीसीसी चीफ गोविंदसिह डोटासरा मारवाड़ के दौरे पर थे। इस दौरान बाड़मेर में टीचर संगठनों द्वारा उनका स्वागत कार्यक्रम रखा गया। इसमें टीचरों ने सरकार व कांग्रेस की खूब प्रशंसा की थी। वहीं, गोविंदसिह ने कहा कि मेरे शिक्षा मंत्री के कार्यकाल में आप सब की छोटी-मोटी मांगों को पूरा कर लिया था। मुख्यमंत्री ने आपकी सबसे बड़ी मांग को मान लिया है। गुरुजनों अब तो ख्याल रखना। नहीं तो लोग कहेंगे कि काम कितना भी कर लो, लेकिन एहसान कोनी है।
बाड़मेर विधायक व गौ सेवा आयोग अध्यक्ष मेवाराम जैन ने कुछ दिन पहले कर्मचारी संगठन कार्यक्रम में कहा कि कर्मचारी व अधिकारी चाहे तो किसी भी सरकार इलाज कर सकती है। 2023 में आप चाहोगे तो राजस्थान में सरकार दुबारा रिपीट होगी। इसको रोकने वाला कोई नहीं है। सरकार आपके हर सुख-दुख में आपके साथ में रहेंगी।
बायतु के गिड़ा में टीचरों ने पुरान पेंशन योजना लागू करने पर पंजाब कांग्रेस प्रभारी व बायतु विधायक का रविवार को कर्मचारियों ने नाच-गाने के साथ स्वागत किया। चौधरी ने कहा कि पुरानी पेंशन लागू करने का फैसला ऐतिहासिक है। इससे रिटायर्ड के समय कर्मचारी व उसके परिवार का फायदा मिलेगा।
राजनीति जानकारों का मानना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पहले टर्म की सरकार इन्हीं कर्मचारियों की नाराजगी के चलते सत्ता से दूर होना पड़ा था। सीएम ने उसी को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों की सबसे पुरानी व बड़ी मांग को मानते हुए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा कर दी।
खबरें और भी हैं…